जविगाटो फिल्म समीक्षा रिव्यु!

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फ़ूड डिलीवरी बॉय की भागम भाग

CBFC-U Filmtime-1H.45M Genre-Social Drama Backdrop-Bhubneshwar Release- 2023

Image of Shahana Goswami and Kapil Sharma lead in the Reviewed Film
Image of Shahana Goswami and Kapil Sharma lead in the Reviewed Film

प्लॉट: यह फिल्म एक ऐसे व्यक्ति मानस की है जो फूड डिलीवरी पार्टनर में डिलीवरी बॉय की जॉब करता है वह अपनी जॉब के प्रति बहुत ईमानदार है वह अपनी पत्नी, दो बच्चों और मां के साथ किराए के मकान में रहता है वह रोज कुछ Incentives पाने के लिए भी मेहनत करता है एक दिन उसे डिलीवरी करते हुए एक गलत कस्टमर मिल जाता है जो उसकी गलत कंप्लेंट कर देता है जिसकी वजह से उसकी ID ब्लॉक हो जाती है और उसके पति की जॉब छूट जाती है लेकिन वह अपने पति को ढाढंस बंधाती है कि वह हमेशा उनके साथ है और वह एक मॉल में जॉब करना शुरू कर देती है उसके पति के मना करने के बावजूद, वह अब क्या करेगा ?क्या उसको अब नई नौकरी मिल जाएगी? क्या उसकी आईडी अनब्लॉक हो जाएगी ? इन सभी सवालों के जवाबों को जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी

टोन और थीम: इस फिल्म की टोन ड्रामा है| जिसमें संघर्ष, कड़ी मेहनत और इमोशंस तीनों का मिश्रण है और थीम livelihood और money जो Working लाइफ पर आधारित है इस फिल्म को बनाने का उद्देश्य संदेश देना है कि कैसे एक आम आदमी को कमाने और अपने परिवार को पालने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ता है

एक्टिंग एंड कैरक्टर्स: मानस की भूमिका में कपिल शर्मा का अभिनय औसत दर्जे का है उन्होंने ज्यादातर अपना अभिनय टू व्हीलर को चलकर ही दिखाई उनको अपना अभिनय दिखाने का ज्यादा मौका नहीं मिला उनका चरित्र अच्छे से डेवलप नहीं किया गया पूरी फिल्म में वह टू व्हीलर पर डिलीवरी ही करते रह गए प्रतिमा की भूमिका में शहाना गोस्वामी का अभिनय लाजवाब और दमदार है उनको एक मध्यम वर्गीय ग्रैनी का रोल निभाने को मिला जिसमें उन्होंने शानदार अभिनय किया है सपोर्टिंग कास्ट में सदानंद किरकिरे, गुलपनाग और सयानी गुप्ता का एक-एक दृश्य है

डायरेक्शन: इस फिल्म को नंदिता दास ने निर्देशित किया है जो कि निर्देशक के साथ-साथ प्रतिभाशाली फिल्म अभिनेत्री भी है इस फिल्म से पहले वह फिराक और मंटो जैसी क्रिटिकल क्लेम फिल्में बन चुकी है जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति और बहुत सारे फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जा चुकी है बहुत सारे अवार्ड भी जीते हैं उनकी यह फिल्म भी फाइनल फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाई जाएगी इस फिल्म को भी उन्होंने अच्छे से निर्देशित किया है वह फिल्म की कहानी को फिल्म के चरित्रों के साथ अच्छे से जोड़ पाई है

उन्होंने निर्देशन के साथ-साथ इस फिल्म की कहानी पटकथा समीर पाटिल के साथ मिलकर लिखी है

कहानी-पटकथा: थोड़ी सी मजबूत हो सकती थी फिल्म के चरित्र असल जिंदगी जैसे ही लगते हैं कैरेक्टर्स बिल्कुल भी स्टीरियोटाइप नहीं लगते हैं

डायलॉग: भी ठीक-ठाक लिखे गए हैं

सिनेमैटोग्राफी: रंजन पलीत की बढ़िया है

कॉस्टयूम डिजाइनिंग: पंप:विश्वास के अच्छे हैं

प्रोडक्शन डिजाइन: रितु घोष का बिलीवेबल लगते हैं फिल्म की कहानी के अनुरूप है

कॉस्ट्यूम डिजाइन: फिल्म के चित्रों के के अनुरूप सूटेबल है

बैकग्राउंड स्कोर: सागर देसाई का ठीक है

साउंड डिजाइन: मानस चौधरी का संतुलित है

एडिटिंग: जबी मर्चेंट की साफ सुथरी और अवरोधी है

क्लाइमैक्स: ठीक-ठाक बन पड़ा है

ओपिनियन: वन टाइम वॉच जो ऑफबीट फिल्में देखना पसंद करते हैं

सोशल मैसेज: आम व्यक्ति की जिंदगी इतनी आसान नहीं होती हर दिन उसको आजीविका के लिए संघर्ष करना पड़ता है

परिवार, बच्चे ,माता-पिता के लिए उसको भागम भाग पड़ी रहती है

कोई भी कभी भी किसी को भी नौकरी से निकाल सकता है

Flaws: टू व्हीलर चलाने और लंच करने के बार-बार दृश्य हैं

यह फिल्म की कहानी में बाधा डालते हैं बहुत इरिटेट करते हैं

सयानी गुप्ता सदानंद किरकिरे और गुल पनाग का एक -२ दृश्य डाल के Waste किया गया, इन दृश्यों की कोई जरुरत नहीं थी

Film Cast: Kapil Sharma, Shahana Goswami, Sayani Gupta, Swanand kirkire and Gul Panag

Producer: Nandita Das, Sameer Nair, Deepak Segal, Director: Nandita Das, Casting: Sunny Dagar, Writers: Nandita Das, Sameer Patil, Costume Design: Pampa Biswas, Production Design: Rita Ghosh, Background Score: Sagar Desai, Sound Design: Manas Choudhary, Editor: Jabeen Merchant, Cinematography: Ranjan Palit

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