“पुरानी यादों के कुछ पल”
प्लॉट: यह फिल्म एक ऐसी महिला पर बनी है जिसकी याददाश्त दिन-ब-दिन कमजोर होती जा रही है, इस बीच वह अपने पति के साथ अपने गांव घूमने जाती है, अपने स्कूल को देखने और स्कूल के मित्रों को मिलने, वहां पर अपने सभी पुराने मित्रों को मिलकर वह पुरानी यादों में खो जाती है| वह शहर की भीड़ और शोर शराबे से दूर जाकर सुकून की जिंदगी के कुछ अच्छे पल बिताना चाहती है| क्या वह दोबारा वापस मुंबई आएगी? क्या उसकी याददाश्त में कोई सुधार होगा? इन सभी सवालों के जवाबों को जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी|
टोन और थीम: इस फिल्म की टोन ड्रामा पर आधारित है फिल्म की थीम Memories और Peace पर है, इस फिल्म को बनाने का उद्देश्य अपनी स्कूल टाइम की पुरानी यादों में खो जाना और कुछ सुकून के प्यारे पलों को बिताना है, जो हम शहर की चकाचौँध जिंदगी को देख कर सब भूल गए हैं|
एक्टिंग एंड कैरक्टर्स: शैलजा की भूमिका में शेफाली शाह का अभिनय काबिले तारीफ है डिमेंशिया जैसी बीमारी से संघर्षरत एक शादीशुदा महिला का रोल निभाने आसान नहीं था, पर उन्होंने अभिनय की बारीकियां के साथ निभाया,उन्होंने इस फिल्म में उत्कृष्ट अभिनय किया है, इस फिल्म के लिए वह अवार्ड भी जीतने की हकदार है, वह पूरी फिल्म से अपने अभिनय में खो गई, उनके चेहरे की गंभीरता, उनके बालो से,उनका चलने के ढंग से, बोलने के तरीके से, उनके परिधान खासकर सिर्फ साड़ियां से वह अपने अभिनय में हर तरह से संपूर्णता लाती हुई दिखाई दी|
प्रदीप कामत की भूमिका में जयदीप अहलावत का भी अभिनय बहुत दमदार हैं उन्होंने शैलजा के मित्र के रोल को बहुत ही अच्छे से निभाया,उन्होंने अपनी लिमिट को क्रॉस नहीं किया जैसे कि उनके पति भी उनके साथ थे, वह भी शादीशुदा और दो लड़कियों के पिता हैं और अपने परिवार से बहुत प्यार करते हैं और अपनी पत्नी को उन्होंने अपनी मित्र के बारे में बताया हुआ था उनके अभिनय में एक तरह से सादगी नजर आती है इस भूमिका में वह बहुत गंभीर भी नजर आए|
दीपांकर की भूमिका में स्वानंद किरकिरे का अभिनय भी अच्छा है उन्होंने एक पति का फर्ज बहुत अच्छे से निभाया, अपने पत्नी के साथ जाकर उसके साथ कुछ पल बिता कर, न चाहते हुए भी उनका साथ दिया ,उनका अपनी पत्नी को पूछना कि वह उसके साथ कभी इतना खुश रही है क्या? और अपने मित्र के बारे में कभी बताया क्यों नहीं?
डायरेक्शन एंड सिनेमैटोग्राफी: इस फिल्म को अविनाश अरुण ढावरे ने निर्देशित और फोटोग्राफी किया है, इस फिल्म से पहले वह पाताल लोक Web Series, Paused और School of Lies निर्देशित कर चुके हैं, यह सभी फिल्में, वेब सीरीज OTT Platforms पर रिलीज हुई है, वह निर्देशक के साथ-साथ सिनेमैटोग्राफर भी हैं| एक मराठी फिल्म किल्ला को भी निर्देशित किया है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकी है इस फिल्म की उन्होंने फोटोग्राफी भी की है, बहुत ही सुंदर दृश्यों को उन्होंने फिल्म में उकेरा है, चाहे गांव के दृश्य हो, Beach के दृश्य हो, घर के दृश्य हो| सुंदर और साफ सुथरी फोटोग्राफी है, उनका निर्देशन भी लाजवाब है कहानी को उन्होंने बहुत ही सरल तरीके से बताया है, उनकी पूरी फिल्म में शुरू से लेकर अंत तक पकड़ है, दृश्यों को बहुत ही अच्छे से निर्देशित और फोटोग्राफी किया है फिल्म के हर डिपार्टमेंट में उनकी पकड़ है|
कहानी और पटकथा: ओंकार अत्युत बर्वे, अर्पिता चटर्जी और अविनाश अरुण ढावरे ने पटकथा बहुत दमदार और मजबूत लिखी है,
कहानी भी सीधी साधी है, फिल्म की गति भी तेज है, फिल्म को ज्यादा लंबा भी नहीं खींचा गया है,
ज्यादा पात्रों को भी कहानी में नहीं जोड़ा गया है|
डायलॉग: वरुण ग्रोवर और शोएब जुल्फी नजीर ने बहुत बढ़िया और कहानी के सभी पात्रों के हिसाब से लिखे हैं, फिल्म को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे उनकी बातचीत असली जिंदगी जैसी हो| सभी पात्रों के डायलॉग एक दूसरे को जोड़े रखते हैं|
एडिटिंग: संयुक्ता काजा की बढ़िया है, फिल्म की गति भी ठीक है,
फिल्म शुरू से लेकर अंत तक दर्शकों को जोड़े रखती है|
साउंड डिजाइन: विनीत डिसूजा का बहुत ही दमदार और साफ सुथरा है |
बैकग्राउंड में एक-एक आवाज क्लियर सुनाई देती है|
प्रोडक्शन डिजाइन: अशोक लोकरे और ए ऋचा का बहुत अच्छा है|
कॉस्ट्यूम डिजाइन: सचिन लोवलकर के बढ़िया है|
बैकग्राउंड स्कोर: अलोकानंद दासगुप्ता का कमाल का है, फिल्म के साथ बहुत अच्छे से sync किया हुआ है|
क्लाइमैक्स: Heart-touching and Emotional है|
ओपिनियन: Must Watch! जो पैरेलल फिल्में देखने के शौकीन हैं एक बार देख सकते हैं|
फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड नॉमिनेशंस: बेस्ट एक्टर एक्ट्रेस क्रिटिक्स, बेस्ट फिल्म क्रिटिक्स,बेस्ट सिनेमैटोग्राफी, बेस्ट साउंड डिजाइन, बेस्ट डायलॉग और बेस्ट स्क्रीनप्ले|
Film Cast: Shefali Shah, Jaideep Ahlawat, Swanand Kirkire, Kadambari Kadam
Producer: Bunny Vas, Sarita Patil, Sanjay Routray, Direction and Cinematography: Avinash Arun Dhaware, Sound Design: Vinit D’Souza
Dialogues: Varun Grover and Shoaib Zulfi Nazeer, Costume Design: Sachin Lovalekar, Background Score: Alokananda Dasgupta, Editor: Sanjukta Kaza
Story & Screenplay: Omkar Achyut Barve, Arpita Chatterjee & Avinash Arun Dhaware
CBFC-U/A Movietime-1h.39mins Genre-Drama Backdrop-Konkan Region Release Year-2023