प्लॉट: यह फिल्म एक ऐसे परिवार की है जो छुट्टियां बिताने अपने फार्म हाउस जा रहे होते हैं, रास्ते में एक रेस्टोरेंट पर रुकते है उस वक्त उनके साथ एक ऐसी घटना होती है, जिसका उन्हें अपने फार्म हाउस पर पहुंचने के बाद पता चलता है और उन्हें विश्वास ही नहीं होता कि ऐसा भी हो सकता है| एक अजनबी बिना बताए घर में प्रवेश कर लेता है, और अंदर तक आ जाता है| क्या अजनबी वापस चला जाएगा? वह उनके घर क्यों और क्या करने आया है? उसको फार्म हाउस का पता कैसे चला? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी
टोन और थीम: यह फिल्म सुपर नेचुरल हॉरर टोन पर बनी है, इस फिल्म की थीम सस्पेंस और टेंशन पर है| इस फिल्म को बनाने का मकसद मनोरंजन के साथ-साथ एक संदेश देना भी है|
एक्टिंग एंड कैरक्टर्स: कबीर के रोल में अजय देवगन का अभिनय बहुत ही बढ़िया है, उनके अभिनय में अपनों के लिए पीड़ा, दुख, कष्ट झलकता दिखाई दिया है, वह चेहरे के हाव-भाव से असहाय नजर आते हैं, पर कुछ नहीं कर पाते| इसकी पीड़ा उनके अभिनय में साफ झलकती है| ज्योति के रोल में ज्योतिका का अभिनय भी शानदार है, अपने पति और बेटी को इस तरह से देखकर वह कुछ नहीं कर पाती, वह असहाय और अकेली नजर आती है| वनराज के रोल में आर माधवन ने बहुत कमाल का अभिनय किया है, जो डर उनके चेहरे और आंखों में दिखता है, वह रियल लाइफ कैरेक्टर के काफी करीब नज़र आता है, इस रोल को आर माधवन के सिवा कोई और अच्छे से नहीं कर पाता| जानवी के रोल में जानवी बोदीवाला की यह पहली हिंदी फिल्म है, वह गुजराती फिल्म इंडस्ट्री में काम करती है, और कुछ गुजराती फिल्में भी की है, इस फिल्म में उनका अभिनय बहुत ही शानदार कहा जा सकता है एक बेटी के रोल में उन्होंने बहुत ही गंभीरता से निभाया इस तरह का डरावना और भयानकता वाला अभिनय करना आसान नहीं होता| उनके कुछ दृश्य को देखकर आप डर जाएंगे कि कितनी संपूर्णता से उन्होंने अभिनय किया है| ध्रुव के रोल में अंगद राज का अभिनय भी अच्छा है|
डायरेक्शन: इस फिल्म का निर्देशन विकास बहल ने किया है| इससे पहले उन्होंने चिल्लर पार्टी, Queen (इस फिल्म के लिए कंगना रनौत को बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवार्ड मिला था) और सुपर 30( इस फिल्म में ह्रितिक रोशन के अभिनय की तारीफ़ हुई थी और उनके काफी सारे अवार्ड्स नॉमिनेशंस भी हुए थे) जैसी फिल्में निर्देशित की है, यह सभी फिल्में उनकी सफल फिल्में में गिनी जाती हैं, यह फिल्म भी उनकी सफल फिल्मों में गिनी जाएगी| इस फिल्म का निर्देशन उन्होंने बड़े कमाल का किया है, फिल्म की कहानी को उन्होंने बहुत भयानकता और डरावने तरीके से बताने की कोशिश की है, कहानी में कहीं से भी जटिलता नजर नहीं आती, उन्होंने पूरी फिल्म में सस्पेंस को अंत तक बरकरार रखा, दर्शक शुरू से लेकर अंत तक अपनी सीट से चिपका रहेगा| फिल्म में आगे क्या होगा यह कोई नहीं अब जान पाता| सभी पात्रों से वह बहुत ही बढ़िया अभिनय निकलवा पाए| फिल्म की कहानी कृष्णदेव याग्निक ने लिखी है, यह फिल्म उनकी ही बनाई हुई गुजराती फिल्म वश की रीमेक मेक है|
पटकथा-डायलॉग: आमिल कीयान खान का बहुत मजबूत है| पटकथा में घटनाक्रम हो, दृश्य का समापन हो या फिर सभी पात्रों की विकास यात्रा हो, किसी भी तरह की कोई त्रुटियां नजर नहीं आती| डायलॉग भी फिल्म की कहानी के मूड के हिसाब से लिखे गए हैं|
कॉस्टयूम डिजाइन: राधिका मेहरा के सभी किरदारों के हिसाब से ठीक-ठाक हैं, ज्यादा स्कोप नहीं कुछ अलग करने का|
सिनेमेटोग्राफी: सुधाकर रेड्डी यककान्ति की बढ़िया है, उनके लिए ज्यादा मौका नहीं था, क्योंकि एक ही घर में फिल्म फिल्माई गई है, लेकिन कैमरा मूव्स और एरियल व्यूज के दृश्यों को उन्होंने अच्छे से फिल्माया है|
साउंड डिजाइन: सुभाष साहू का बहुत ही शानदार है, फिल्म के मूड और सेटिंग के हिसाब से sync करता है|
प्रोडक्शन डिजाइन: गरिमा माथुर के बने हुए घर के सेट्स अच्छे बन पड़े हैं, जिस तरह का वातावरण चाहिए था, उन्होंने बनाने की पूरी कोशिश की है|
म्यूजिक एंड बैकग्राउंड स्कोर: अमित त्रिवेदी का सभी गीतों का संगीत अच्छा है और बैकग्राउंड स्कोर बहुत ही जबरदस्त है दर्शक अपने आपको फिल्म से जुड़ा हुआ पाता है|
लिरिक्स: कुमार के लिखे गीत अच्छे हैं, विशेष कर शैतान गीत|
एडिटिंग: संदीप फ्रांसिस की बहुत तेज गति की है, साफ सुथरी है,
एक दो दृश्य फिल्म की गति को रोकते हैं, वह काटे जा सकते थे, जैसे की डांस वाला दृश्य|
एक्शन: विक्रम मोर और आर पी यादव के अलग तरह के हैं|
विजुअल इफैक्ट्स: बहुत ही शानदार है, फिल्म की सबसे बड़ी ताकत फिल्म के विजुअल्स हैं|
क्लाइमैक्स: बहुत ही शानदार और जानदार है, सस्पेंस से भरा हुआ है|
ओपिनियन: Must Watch!
फिल्म की शुरुआत में पहले दृश्य में सस्पेंस है, उस दृश्य में कौन होता है? जिसका राज अंत में खुलता है |
फिल्म देखने के दौरान दो दृश्य का सस्पेंस अंत में पता चलता है|
Flaws: ज्योति ने पुलिस को फोन कब डायल किया इसका कोई प्रमाण नहीं दिखाया गया है,
वनराज का बार-बार घड़ी का समय देखना, इसके बारे में भी नहीं बताया गया है कि वह क्यों देखता है|
मैसेज: हमें कभी भी किसी अजनबी से कुछ भी नहीं खाना चाहिए|
कोई भी हमारा वशीकरण और कुछ भी कर सकता है इसका कोई पता नहीं है|
फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड नॉमिनेशंस: 2024 में होने वाले, इस फिल्म को बहुत सारे कैटिगरीज में नॉमिनेशंस मिल सकते हैं,
विशेष कर बेस्ट विलन, बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस, बेस्ट विजुअल इफेक्ट्स, बेस्ट बैकग्राउंड स्कोर, बेस्ट एडिटिंग वगैरा|
फिल्म को CBFC सर्टिफिकेट मिलने के दौरान एक खून बहाने वाला दृश्य को काटना ,एक वॉयस ऑवर डाल कर बताना कि हम काले जादू को endorse नहीं करते, एक गाली को चिल्लाने के साथ हटा देना और शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक है का सन्देश डाल के बताना| यह सब कुछ करने को कहा गया था
कृष्णदेव याग्निक द्वारा लिखित मूल कहानी पर आधारित
CBFC-U/A Movietime-2h.12m Genre-Supernatural Horror Backdrop-Dehradun Release-2024
Starcast: Ajay Devgn, Jyothika, Janki Bodiwala, R.Madhvan and Anngad Raaj
Produced- Ajay Devgn, Kumar Mangat Pathak, Abhishek Pathak, Jyoti Deshpande, Director- Vikas Bahl Cinematography-Sudhakar Reddy Yakkanti
Music and Background Score-Amit Trivedi, Editor-Sandeep Francis, Sound Design- Subhash Sahoo
Lyricist-Kumaar, Casting-Mukesh Chhabra, Costume-Radhika Mehra
Story- Krishnadev Yagnik, Screenplay & Dialogues: Aamil Keeyan Khan, Action-Vikram Mor, R.P.Yadav, Production Design: Garima Mathur
Nice explanation