जिंदगी जीने का दर्द
Film Cast-Kajol, Vishal Jethwa, Prakash Raj, Anant Mahadevan, Rahul Bose, Rajeev Khandelwal, Riddhi Kumar, Aahana kumra, Mala Parvathi, Priya mani Raj, Kamal Sadanah, Introducing Aneet Padda with Aamir Khan
प्लॉट-यह फिल्म एक ऐसे लड़के की कहानी पर बनी है जिसे एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है उस बीमारी का नाम DMD (Duchenne Muscular Dystrophy its Degenerative Disease) है यह एक तरह की जेनेटिक डिसऑर्डर वाली बीमारी है जिसमें धीरे-धीरे इंसान के सभी Organs काम करना बंद कर देते हैं और एक दिन उसकी मृत्यु हो जाती है फिल्म का नाम सलाम वेंकी जरूर है पर फिल्म का असली नाम मां होना चाहिए था इसमें मां जो अपने बच्चों को इस बीमारी में इस तरह से जिंदगी से लड़ते हुए देखती है अपनी आंखों से उसका दर्द सिर्फ वही महसूस कर सकती है बेटा इच्छा मृत्यु और अपने organs को डोनेट करना चाहता है उसके लिए भी वह लीगल बैटल लड़ती है लेकिन सफल नहीं होती उसका बेटा और कितने साल तक जिएगा? क्या उसको इच्छा मृत्यु मिलेगी? इन सभी सवालों के जवाबों को जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी
थीम एंड टोन-इस फिल्म की टोन Emotional Sports ड्रामा है| जिसमें दुःख और दर्द दोनों का मिश्रण है और थीम संघर्ष और लड़ना जो हॉस्पिटल लाइफ पर आधारित है
फिल्म को बनाने का उद्देश्य मनोरंजन ना करके एक सच्ची घटना पर आधारित कहानी को दर्शकों तक पहुँचाना है
एक्टिंग और कैरक्टर्स– सुजाता प्रसाद की भूमिका में काजोल ने बहुत ही दमदार अभिनय किया है इस रोल के लिए काजोल से बेहतर और कोई नहीं हो सकता था मां अपने बेटे को क्यों इस दशा में देखकर बहुत पीड़ा और दुख महसूस करती है पर वह अपनी पीड़ा और दुख को अपने अंदर ही रखती है उन्होंने अपने अभिनय में एक अलग ही तरह की मां का रूप पर्दे पर दिखाया है एक अकेली असहाय और तलाकशुदा महिला जो अपने विक्षिप्त बच्चे लिए अपने पति और अपनी बेटी तक को छोड़ देती है क्योंकि उसका पति उसे घर से निकाल देता है और उसे तलाक दे देता है उनके चेहरे के हाव-भाव से दुख पीड़ा दर्द को दिखाना इतना आसान नहीं था पर उन्होंने बहुत अच्छे से करके दिखाया लेकिन कई दृश्यों में वह एक जैसा ही अभिनय करती नजर आई वेंकी की भूमिका में विशाल जेथवा का अभिनय बहुत भावनात्मक है एक ऐसी भूमिका जिसमें उन्होंने जिंदगी से हार ना मानना लड़ना संघर्ष करना अंत तक एक उम्मीद बनाए रखना को पर्दे पर बखूबी उड़ेला है इस तरह का किरदार निभाना बहुत कठिन होता है पर उन्होंने बहुत ही संपूर्णता से निभाया उनकी आंखों में दर्द पीड़ा भाव का दिखना सब असली जिंदगी से बहुत करीब लगता है संजना की भूमिका में आहना कुमरा का अभिनय भी बढ़िया है परवेज़ आलम की भूमिका में राहुल बोस का अभिनय भी ठीक-ठाक है डॉक्टर शेखर की भूमिका में राजीव खंडेलवाल का अभिनय भी अच्छा है सपोर्टिंग कास्ट का अभिनय भी कहानी को आगे बढ़ाने में सहायक साबित होता है
डायरेक्शन-इस फिल्म को अभिनेत्री रेवती ने निर्देशित किया है इस फिल्म से पहले उन्होंने मित्र माय फ्रेंड और फिर मिलेंगे फिल्मों को निर्देशित किया है यह दोनों फिल्में उनकी Critically acclaimed थी लेकिन Commercial Hits नहीं थी लेकिन मित्र माय फ्रेंड National Awards सम्मानित थी और कई सारे Film Festivals में दिखाई गई थी इस फिल्म में भी उन्होंने कहानी को बहुत ही अच्छे से पर्दे पर दिखाया है फिल्म की गति भी ठीक-ठाक है इस फिल्म का निर्देशन उनकी पिछली फिल्मों जैसा ही लगता है उनका कहानी को बताने का फिल्माने का एक अलग तरह का स्टाइल है उनकी पूरी फिल्म पर पकड़ है कहानी को उन्होंने पटरी से बिल्कुल भी उतरने नहीं दिया
कहानी पटकथा–समीर अरोड़ा की पटकथा और कौसर मुनीर के डायलॉग बढ़िया है फिल्म फर्स्ट हाफ में थोड़ी कमजोर है पटकथा भी थोड़ी सी कमजोरी है
सिनेमैटोग्राफी-रवि वर्मन की बहुत ही कमाल की है कैमरा वर्क और कैमरा मूव्स बढ़िया है Aerial Views वाले दृश्य अच्छे से फिल्माए गए हैं सभी दृश्यों में एक्टर्स को अच्छे से फ्रेम् में कैद किया गया है
एडिटिंग- मनन सागर 15-20 मिनट की फिल्म छोटी हो सकती थी फिल्म का Pace भी Slow है
बैकग्राउंड स्कोर- मिथुन का बहुत ही अच्छा है फिल्म की कहानी और backdrop पर है
प्रोडक्शन डिजाइन- संदीप शरद रावडे का अच्छा है
कॉस्ट्यूम डिजाइन- राधिका मेहरा के भी अच्छे हैं
म्यूजिक एंड लिरिक्स-मिथुन बहुत ही बढ़िया बन पड़े हैं
सभी गीत अच्छे से संगीतबद्द और लिखे गए हैं
क्लाइमैक्स- बहुत ही अच्छा और दिल को छू लेने वाला बना है
ओपिनियन-One Time Watch! जिनको इमोशनल फिल्में देखना पसंद है
Flaws- फिल्म पूरी तरह से कमर्शियल बना दी गई है जबकि पैरेलल सिनेमा का कॉन्सेप्ट था
आमिर खान को Waste किया गया है उनके रोल की कोई जरूरत नहीं थी
सपने में उनको पति को सहारा देने के तौर पर दिखाया गया है आमिर खान का रोल ठूँसा गया है
म्यूजिक एंड लिरिक्स की कोई जरूरत नहीं थी जब आप एक भावनात्मक फिल्म बना रहे हो
फिल्म पूरी तरह से मिर्च मसाले वाली बन गई है थोड़ी सी फिल्म छोटी हो सकती थी
Venky को वीडियो दिखाकर कोर्ट में साबित कर दिया कि वेंकी दर्द में नहीं है
सोशल मैसेज-छोटी सी जिंदगी है हंस के जियो और जीने दो
कौन कब इस दुनिया को अलविदा कह जाए कोई नहीं जानता
CBFC-U Movietime-2h.21mins Genre-Emotional Drama Release Year-2022
This film is inspired by an incredible true story of Kolavennu Venkatesh, The Story based on the book titled The Last Hurrah’ by Shrikant Murthy.
Casting Director-Vaibhav Vishant, Costume Design-Radhika Mehra, Lyrics-Mithoon, Sandeep Srivtastav, Kausar Munir, Music-Mithoon
Choreography-Pony Verma, Production Design-Sandeep Sharad Ravade, Sound Design-Tapas Nayak, Editor-Manan Sagar, Additional Screenplay and Dialogues-Kausar Munir,
Adapted Story and Screenplay-Sammeer Arora, Cinematography-Ravi Varman, Producer-Suuraj Singh, Shraddha Agarwal, Varsha Kukreja , Director-Revathy