संघर्ष और मेहनत का सफर
यह फिल्म उन मुट्ठी भर ईमानदार अधिकारियों को समर्पित है जिनकी वजह से हमारा देश सुरक्षित है| हम उनका अभिनंदन करते हैं|
प्लॉट: इस फिल्म की कहानी एक ऐसे लड़के पर आधारित है| जो पहले साल 12th में फेल हो जाता है, क्योंकि उस साल स्कूल में डीएसपी की रेड पड़ जाती है| विद्यालय में कोई भी नकल नहीं कर पाता और सारे विद्यार्थिओं के साथ-2 वह भी फेल हो जाता हैं| फिर वह अपने भाई के साथ मिलकर गांव में जुगाड़ चलाना शुरु करता है पर गांव का विधायक उसका जुगाड़ ज़ब्त करवा कर उसे और उसके भाई को जेल में बंद करवा देता है थाने में पुलिस उसको अपनी बंदूक लाने को बोलती है पर वह घर ना जाकर डीएसपी के घर पहुंच जाता है और सब कुछ बता देता है फिर डीएसपी उसके साथ थाने चलकर उसके भाई को जेल से रिहा करवाते हैं रास्ते में घर जाते वक्त डीएसपी उन दोनों को लिफ्ट ऑफर करते है, तब वह डीएसपी से पूछता है कि उसे भी डीएसपीबनना है, तो डीएसपी उसे क्या जवाब देते हैं इसके लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी क्या वह डीएसपी बन पाएगा? लेकिन उसकी आर्थिक रूप से मदद कौन करेगा? क्या परिवार वाले पढ़ने के लिए उसे शहर जाने की परमिशन देंगे? सभी जवाबों को जानने के लिए फिल्म देखें|
टोन और थीम: यह फिल्म मोटिवेशनल एंड इमोशनल ड्रामा टोन पर आधारित है, इस फिल्म की थीम Hard Work और Struggle पर है| जो कि 1997 की एक सच्ची घटना पर आधारित है इस फिल्म को बनाने का उद्देश्य एक ऐसे इंसान की जिंदगी को दिखाना है जो कि मध्य प्रदेश के चंबल क्षेत्र के एक छोटे से गांव के रहने वाले लड़के के संघर्ष, कड़ी मेहनत, तपस्या, प्यार, क्रोध, उसकी मुश्किलें, उसकी बँधाए, आर्थिक रूप से कमजोर होने, और अंत तक हार को न मानने वाला, जब तक मंजिल नहीं मिल जाती, गांव में परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय होना, पढ़ाई के साथ-साथ परिवार की जिम्मेदारी भी लेना, उसकी जिंदगी के शुरू से लेकर अंत तक के सफर को दिखाना है|
एक्टिंग एंड कैरक्टर्स: मनोज के किरदार में विक्रांत मैसी ने अपने अब तक के फिल्मी करियर में सबसे कठिन रोल को बहुत ही सरलता और संजीदगी से निभाया है, उनका पूरी फिल्म में पहले दृश्य से लेकर अंतिम दृश्य तक का अभिनय देखने लायक है, जो अपनी जिंदगी में अपने सपने को पूरा करने के लिए कड़ा संघर्ष और मेहनत कर रहे होंगे उनको इस फिल्म में मनोज की कहानी और उस कहानी को अभिनय में ढालते हुए विक्रांत मैसी को देखकर बहुत बड़ी सीख, मोटिवेशन और हार ना मानने वाला एटीट्यूड देखने को मिलेगा, खासकर यूपीएससी की तैयारी करने वालों को| उनका अभिनय सर्वोत्तम दर्जे का है, इससे बढ़िया रोल कोई और अभिनेता नहीं निभा सकता था चाहे उनके चेहरे के हाफ-भाव हो, रोना हो, गुस्सा हो, बॉडी लैंग्वेज हो, ड्रेसिंग सेंस हो, पीड़ा हो, दर्द हो, दुख हो, उन्होंने इस किरदार में मनुष्य जीवन के सारे इमोशंस उड़ेल दिए हैं चाहे उनकी शानदार और लाजवाब डायलॉग डिलीवरी हो, उनके अभिनय की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है| डीएसपी दुष्यंत सिंह के किरदार में प्रियांशु चटर्जी का अभिनय भी लाजवाब है, छोटा सा किरदार है पर बहुत महत्वपूर्ण है, उनकी एक छोटी सी बात, एक इंसान की पूरी जिंदगी कैसे बदल देती है उन्होंने इस छोटे से रोल को पूरी ईमानदारी के साथ निभाकर बताया है| श्रद्धा शर्मा के रोल में मेधा शंकर का अभिनय भी अच्छा है, फिल्म में दोनों की केमिस्ट्री को देखकर एक अलग तरह का सुकून मिलता है, सपोर्टिंग रोल्स में सभी पात्रों का अभिनय भी मंझा हुआ है| सभी ने अपने-अपने किरदारों के साथ पूरी ईमानदारी के साथ इंसाफ किया है|
डायरेक्शन, स्टोरी, स्क्रीनप्ले और डायलॉग: इस फिल्म को विधु विनोद चोपड़ा ने निर्देशित किया है, वह किसी पहचान और नाम के मोहताज नहीं है, हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे उम्दा और महान निर्देशकों में उनका नाम लिया जाता है, वह बेहद प्रतिभाशाली और असाधारण निर्देशक माने जाते हैं, उनकी बनाई हुई फिल्में जैसे परिंदा, 1942 ए लव स्टोरी, करीब, मिशन कश्मीर, शिकारा, एकलव्य इत्यादि| वह फिल्में बनाने में मास्टर कहे जाते हैं और पैरेलल सिनेमा से लेकर मेनस्ट्रीम सिनेमा तक उन्होंने बहुत लंबा सफर तय किया है, और तरह-तरह की फिल्में बनाई है| उनका इस फिल्म का निर्देशन भी बहुत उम्दा है| पूरी फिल्म में उनकी पकड़ शुरू से लेकर अंत तक बनी हुई है, फिल्म के हर डिपार्टमेंट में उनकी मौजूदगी नजर आती है,सभी पात्रों से वह बहुत ही बढ़िया अभिनय निकलवा पाए, फिल्म की कहानी तो एक सच्ची घटना पर आधारित है, तो उस पर ज्यादा कुछ नहीं बोल सकते| फिल्म का स्क्रीनप्ले बहुत ही मजबूत है, और बहुत ही अच्छे तरीके से लिखा गया है| डायलॉग फिल्म के बहुत ही अच्छे से लिखे गए हैं जो दिल को अंदर तक छू जाते हैं, पटकथा लिखने में जसकुंवर कोहली ने भी अच्छा साथ दिया|
एडिटिंग: जसकुंवर कोहली और विधु विनोद चोपड़ा की बहुत ही बढ़िया है, फिल्म की गति भी तेज है, कहीं से भी फिल्म में बोरियत महसूस नहीं होती, Scenes Transitions बहुत ही बढ़िया तरीके से किया गया है|
सिनेमैटोग्राफी: रंगराजन रामबद्रन की शानदार है, गांव के दृश्यों को उन्होंने बहुत ही सुंदरता से फिल्माया है, कैमरे के सभी एंगल्स को इस्तेमाल कर फिल्म को अच्छे से फिल्माया गया है,आसमान से लिए हुए कुछ दृश्य बहुत ही अच्छे बन पड़े हैं|
म्यूजिक: शांतनुमोइत्रा का बहुत सुरीला है, फिल्म के मूड के मुताबिक पूरी तरह से Sync करता है,
लिरिसिस्ट: स्वानंद किरकिरे के बोलो ना और रीस्टार्ट गीत बहुत ही सुरीले और दिल को छू लेने वाले है|
प्रोडक्शन डिजाइन: प्रशांत बिदकर शानदार कहा जा सकता है|
साउंड डिजाइन: मानव श्रोत्रिय भी बढ़िया है|
आर्ट डायरेक्शन: हेमंत वाघ बहुत ही शानदार है|
कास्टूम डिज़ाइन: मालविका बजाज की चरित्रों के मुताबिक और सभी की पर्सनालिटीज के साथ sync करती है|
क्लाइमैक्स: बहुत ही Emotional and Heart Touching है|
कुछ दृश्य तो बहुत ही ममस्पर्शी है, जैसे क्लाइमैक्स का दृश्य जहां पर वह जमीन पर गिर जाता है |
और मां-बेटे का दृश्य भी दिल को अंदर तक छू जाता है
पुलिस स्टेशन का दृश्य जहां वह अपने दोस्त को छुड़वाने जाता है|
इंटरव्यू वाले दृश्य का क्या कहना, लाजवाब बन पड़ा है
मैसेज: हमें जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिए, अपने सपनों को पूरा करने के लिए अंत तक लड़ना चाहिए|
संघर्ष और मेहनत करो, एक दिन सफलता जरूर मिलेगी|
फिल्मफेयर अवॉर्ड नॉमिनेशंस: इस फिल्म के लगभग सभी कैटिगरीज में नॉमिनेशन हुए थे, और फिल्म पांच अवार्ड जीतने में सफल रही| बेस्ट फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट स्क्रीनप्ले, बेस्ट एक्टर(क्रिटिक्स) और बेस्ट एडिटिंग|
कुछ Institutes वाले पैसा बनाने के लिए एक दो आईपीएस और आईएएस को एडवरटाइजिंग में दिखा देते हैं,
और स्टूडेंट्स को बेवकूफ बनाते हैं, ऐसे इंस्टीट्यूट से सावधान रहें|
उम्मीद है इस फिल्म के नेशनल अवार्ड में नॉमिनेशन भी होंगे|
फिल्म के कुछ दृश्य ऐसे हैं जिसमें आपको देखकर रोना आ जाएगा|
दिल को छू लेने वाले और झकझोर कर देने वाले ऐसे दृश्यों को देखकर आप अपने इमोशंस पर कंट्रोल नहीं कर पाएंगे और रो पड़ेंगे|
Inspired by 12th fail by book Anurag Pathak
CBFC-U Movietime-2h.26mins Genre-Motivational Drama Backdrop-Chambal (Madhya Pradesh) Release Year-2023
Film Cast: Vikrant Massey, Priyanshu Chatterjee, Medha Shanker, Anant V Joshi, Anshumaan Pushkar, Geeta Agarwal Sharma, Harish Khanna, Sarita Joshi and Vikas Divyakirti
Produced & Directed: Vidhu Vinod Chopra
Written: Vidhu Vinod Chopra, Jaskunwar Kohli, Associate Writers: Aayush Saxena, Anurag Pathak
Casting: Mukesh Chhabra, Aayush Saxena, Costume Design: Malvika Bajaj, Production Design: Prashant Bidkar
Sound Design: Manav Shrotriya, Music: Shantanu Moitra
Lyrics: Swanand Kirkire, Background Score: Shantanu Moitra
Cinematography: Rangarajan Ramabadran, Editors: Vidhu Vinod Chopra, Jaskunwar Kohli
Associate Directors: Jaskunwar Kohli, Aayush Saxena, Art Director: Hemant Wagh