मर्द को दर्द होगा
प्लॉट: यह फिल्म चंदेरी मध्य प्रदेश की सच्ची घटना पर आधारित है चंदेरी में लोगों के घरों के बाहर दीवारों पर यह लिखा हुआ होता है ओ स्त्री कल आना इस फिल्म में स्त्री कौन है जो साल में चार रातें गांव में आती है जब मंदिर में कोई प्रोग्राम चल रहा होता है और स्त्री गांव के आदमियों को उठाकर ले जाती है और उनके कपड़ों को वही छोड़ जाती है| क्या स्त्री की असलियत कभी बाहर आ पाएगी कि वह कोई चुड़ैल है या आत्मा ? क्या स्त्री की आत्मा भटकती है? क्या कोई मनगढ़ंत कहानी गढ़ी गई है| इन सब प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी|
टोन और थीम: यह फिल्म कॉमेडी हॉरर पर आधारित है और इसकी थीम सस्पेंस और मिस्ट्री पर है| इसको बनाने का मकसद सिर्फ मनोरंजन करना है और यह बताना है कि स्त्री गांव के आदमियों को उठाकर और उनके कपड़ों को छोड़कर क्यों जाती है| आदमियों को ले जाने का मकसद क्या है? पहाड़ी पर महल या खंडहर का राज क्या है साल में चार दिन ही क्यों आती है पहली रात से लेकर आखिरी रात तक मूवी पूरी हो जाती है सिर्फ चार रातों की कहानी है| फिल्म में बहुत सारी घटनाएं लगातार होती रहती है जिससे सस्पेंस बरकरार रहता है
एक्टिंग एंड कैरक्टर्स: विकी के रोल में राजकुमार राव का अभिनय बढ़िया है उन्होंने अपने चेहरे पर डर के जो हाव-भाव दिखाएं हैं यह उनकी अभिनय क्षमता की ताकत का ही कमाल है कि कॉमेडी भी बहुत अच्छी कर लेते हैं| बिना नाम के रोल में श्रद्धा कपूर का अभिनय भी ठीक-ठाक है उनका ज्यादा रोल तो नहीं है पर जितना है उन्होंने अच्छे से निभा दिया रुद्र के रोल में पंकज त्रिपाठी का अभिनय भी अच्छा है उनका अभिनय भी हास्य पुट लिए हुए हैं जना के रोल में अभिषेक बैनर्जी ने भी कमाल का अभिनय किया है बिट्टू के रोल में अपारशक्ति खुराना ने भी बढ़िया अभिनय किया है और रोल को अच्छे से निभाया है सपोर्टिंग कास्ट ने भी फिल्म को आगे बढ़ाने और ले जाने में साथ दिया है
डायरेक्टर: इसको डायरेक्टर अमर कौशिक ने निर्देशित किया है यह उनकी First Debut Directorial है, इससे पहले वह शॉर्ट फिल्म आबा (2017) बना चुके हैं और बहुत सारे डायरेक्टर्स जैसे राजकुमार गुप्ता औरओनिर के असिस्टेंट भी रह चुके हैं पहली ही मूवी में उन्होंने कमाल का निर्देशन किया है कहानी और पटकथा भी बहुत मजबूत है उन्होंने मूवी को पूरी तरह से पकड़ के रखा और कहानी को पटरी से उतरने नहीं दिया सब कलाकारों से उन्होंने अच्छा अभिनय भी निकलवा लिया, फिल्म को एक अलग तरह से बनाने में उन्होंने अपनी पूरी ताकत लगा दी, उनकी हर डिपार्टमेंट में पकड़ साफ झलकती है|
कहानी और पटकथा: राज एंड डीके की कहानी और पटकथा बहुत ही जबरदस्त, शानदार और मजबूत है
डायलॉग: सुमित अरोरा ने डायलॉग भी बहुत अच्छे से लिखे हैं|
सिनेमैटोग्राफी: अमलेंदु चौधरी की सिनेमैटोग्राफी बहुत ही कमाल की है चाहे वह रात के दृश्य हो, डरावने दृश्य, खंडहर के दृश्य हो,
बहुत ही अच्छे से सिनेमैटोग्राफी की गई है|
कोरियोग्राफी: विजय गांगुली की कोरियोग्राफी कमरिया और आओ कभी हवेली पे की बहुत बढ़िया से की गई है|
बैकग्राउंड स्कोर: केतन सोढा का बैकग्राउंड स्कोर भी अच्छा और बहुत बढ़िया है
मूवी की थीम से पूरी तरह से sync करता हैं
संगीत: सचिन-जिगर का संगीत बहुत बढ़िया तो नहीं कह सकते
पर कुछ गीतों को आप सुनना पसंद करेंगे जैसे मिलेगी मिलेगी, कमरिया और आओ कभी हवेली पे |
लिरिक्स: वायु, जिगर सरैया और बादशाह ने बहुत अच्छे से लिखे हैं
मूवी की थीम्स से पूरी तरह से मैच करते हैं
साउंड डिजाइन: शाजिथ कोयरी और सविता नंबराथ ने साउंड डिजाइन पर भी मेहनत की है और अच्छा बनाया है|
प्रोडक्शन डिजाइन: मधुसूदन एन का प्रोडक्शन डिज़ाइन बहुत बढ़िया से किया गया है
एडिटिंग: हेमंती सरकार की एडिटिंग भी संतुलित है|
एक्शन: मनोहर वर्मा और अमीन खातिब के एक्शन्स कहानी के मुताबिक बढ़िया है
क्लाइमेक्स: अंत में सस्पेंस का राज खुलता है तो आप जानकर हैरान हो जाएंगे|
ओपिनियन: जिनको हॉरर फिल्में देखना पसंद है कॉमेडी के तड़के के साथ वे ऑडियंस यह जरूर देखें|
64th फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड: इसको बेस्ट फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर ,बेस्ट एक्टर, बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर ,बेस्ट स्टोरी, बेस्ट स्क्रीनप्ले ,बेस्ट डायलाग, बेस्ट प्रोडक्शन डिज़ाइन, बेस्ट एडिटिंग, बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर के नॉमिनेशंस प्राप्त हुए थे और एक अवार्ड बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर अमर कौशिक जीतने में सफल रही|
Flaws: शुरू में फिल्म की गति धीमी है 35 -40 मिनट तक कुछ खास आगे बढ़ नहीं पाती सेकंड हाफ बहुत ही तेज गति का है फर्स्ट हाफ के शुरू में धीमी गति की है| पार्टी करते हुए स्त्री जिस लड़के को उठाकर ले जाती है उसके बारे में कुछ भी नहीं बताया गया बाकी सभी वापस आ जाते हैं जिनको स्त्री उठा के ले जाती है, विक्की को unknown वुमन खंजर और चोटी काटने को बोलती है तो वह चोटी ही क्यों काटता है खंजर मारने के लिए क्यों मना कर देती है जबकि खंजर मारने से वह हमेशा के लिए मर जाती है, इसकी कोई क्लैरिटी नहीं है |
CBFC-U/A Movietime-2h.9mins Genre-Comedy horror Backdrop-Chanderi (MP) Release-31st August 2018
कास्ट: राजकुमार राव, श्रद्धा कपूर, पंकज त्रिपाठी, अभिषेक बैनर्जी, औरअपारशक्ति खुराना
प्रोडूसर: दिनेश विजन, राज एंड डीके डायरेक्टर: अमर कौशिक साउंड डिज़ाइन: शाजिथ कोयरी, सविता नंबराथ, कास्टूम डिज़ाइन: शीतल शर्मा
म्यूजिक: सचिन-जिगर, बैकग्राउंड स्कोर: केतन सोढा, प्रोडक्शन डिज़ाइन: मधुसूदन एन
एडिटर: हेमंती सरकार, सिनेमेटोग्राफी: अमलेंदु चौधरी, कोरियोग्राफी: विजय गांगुली, एक्शन: मनोहर वर्मा, अमीन खातिब
लिरिक्स: वायु, जिगर सरैया, बादशाह, डायलॉग्स: सुमित अरोरा, स्टोरी एंड स्क्रीनप्ले: राज एंड डीके